Thursday, April 18, 2019

Rebloged from my another blog

बेहतर उपाय...

देखिये .......यह हैं मेरे दो जाँ सिपाही... मेरे घर की रखवाली करने वाले दो पौधे...साथ ही यह दोनों मेहमानों का स्वागत भी करते है,...

इन दोनों बड़े गमलों को मैंने बड़ी टूटी बाल्टियों पर बचे-खुचे तायल के तुकडे चिपका कर और ग्रोउट से भर कर ऊपर से स्कैच पैन से आउटिंग कर ऊपर से वार्निश कर दिया ...मुझे अपने दो बड़े पौधों के लिये बड़े गमले चाहियें थे ....सीमेंट के गमले बहुत भारी हो जाते तब मैंने टूटी बाल्टियोंऔर अन्य सामान के साथ इन गमलों को बनाया.

इस गमले में थूजा का पौधा है...इसे मैंने करीब १०-११ वर्ष पहले छोटे गमले में लगाया था...
और ऊपर इसमें जटरोपा का पौधा है..यह ७-८ वर्ष पहले मैंने छोटे गमले में लगाया था..
इसे बाद में मैंने ऊपर से रिम पर और ग्राउट लगाया और फ़िर स्कैच पैन से आउटिंग कर के ऊपर से दो कोट वार्निश कर दी...

देखिये ऊपर और नीचे की तास्विरें........इ ऊपर की रिम से कितनी दुरुस्त हो गई है...

इस बाल्टी का रिम बिलकुल टूट गया था मैंने बाल्टी की रिम पर एक मोटी सुई लेकर इसे गर्म कर जगह -जगह छेद किये और एक पानी की बेकार पड़ी ट्यूब के बीच मेंचिर लगा कर इसे रिम में फिट कर दिया,। और फ़िर इसे बोरी के तुकडे से फेविकोल से चिपकाया और फ़िर तार से सिल दिया..सभी बेकार चीजें यानी कि बोरी का टुकड़ा, टूटी पुरानी ट्यूब, टूटी ताय्लने और टूटी बालटी का सही उपयोग कर सुन्दर गमले बन गये..
यह देखिये ज़रा नजदीक से कितना सुन्दर और टिकाऊ गमला बन गया है....

शब्बा जहीर!!!

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